बॉर्डर सिक्योरिटी में AI की मदद ले रहे 7 देश:अवैध माइग्रेशन रोकने में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, इससे ह्यूमन राइट्स को खतरा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। 7 देश AI के जरिए सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। इन देशों में भारत, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, कनाडा, और नाइजीरिया शामिल हैं। इनमें ऐसे देश भी हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से देश में होने वाले अवैध प्रवास (इल्लीगल माइग्रेशन) को रोक रहे हैं। इससे मानवाधिकारों और गोपनीयता का हनन होने से जुड़े सवाल उठ रहे हैं।
इंटरनेशनल जस्टिस रिसोर्स सेंटर के मुताबिक, सभी प्रवासियों को जीवन का अधिकार है। यह सुनिश्चित करना राज्यों का दायित्व है कि कोई भी प्रवासी मनमाने ढंग से इस अधिकार से वंचित न रहे। जमीनी और समुद्री सीमा पार करने के दौरान जान-माल की नुकसान को कम करना भी राज्यों की ड्यूटी है।
AI टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल हो सकता है
दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले खतरे को लेकर टेक कम्युनिटी में एक लंबी बहस चलती रहती है। उनका मानना है कि अभी चाहे जितना अच्छा और आसान लग रहा है। बाद में AI से लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी। सीमा सुरक्षा के मामले में भी AI खतरनाक साबित हो सकता है। बॉर्डर की सिक्योरिटी में तैनात रोबोट या ऑटोमैटिक गन की सैटिंग या कोडिंग में बदलाव जानलेवा हो सकता है।
इसके अलावा बॉर्डर पर इस्तेमाल होने वाली प्राइवेसी वायलेशन और फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लेकर चिंता बनी रहती है। क्योंकि अगर टेक्नोलॉजी ने किसी शख्स की गलत पहचान कर ली तो बॉर्डर एरिया में किसी खतरनाक व्यक्ति को एक्सेस मिल सकता है।